शुक्रवार, 7 जून 2024

रोड सेन्स किसे कहते है ा



रोड सेन्स किसे कहते है

परिभाषा :- रोड सेन्स एक प्रकार की कला है ! जिससे ड्राइवर सही समय पर दूसरे रोड स्तेमाल करने वाले के साथ उचित व ठीक प्रकार से व्यवहार करता है उसे रोड सेन्स कहते है ! परन्तु इसके लिए ड्राइवर को बहुत से तथा रोड के हालातों से परचित होना हप्ता है जो इस प्रकार है -

01 - ऊंचे दर्जे का ड्राइविंग का अभ्यास होना 

02 - सड़क के हल का पूरा ज्ञान होना !

03 सड़क को इस्तेमाल करने वाले दूसरे के प्रति अच्छा और उचित व्यवहार किया जाये !

रोस सेन्स बढ़ाने के तरीके :- ( 01 ) अनुभव (02) भरोसा (03) दूरदर्शिता (04) सड़क के नियम (05) सड़क की सभ्यता (06) छठी इन्द्री

( 01 ) अनुभव :- ड्राइवर अपनी गाड़ी को मार्ग पर सुरच्छित ढंग से चलने के चलने के लिए अधिक से अधिक प्रशिक्षण लेना चाहिए !ताकि उसको जादा से जादा अनुभव प्राप्त हो सके ! कुछ बातो का ध्यान रखने से ड्राइवर को और अनुभव प्राप्त हो सकता है जो इस प्रकार है -

(I) दूसरी गाड़ी की रफ्तार और उसका फासला जानना सीखे !

(II) गाड़ी चलते समय घबराओ नहीं !

(III) जल्दी से जल्दी सही फैसला करो !

(IV) सही रफ्तार सही जगह पर इस्तेमाल करें !

(V) ड्राइविंग स्मूथ हो !

(VI) हमेश देख भाल के वाहन चलाये और चौकन्ने रहें !

(02) भरोसा :- ड्राइवर जब गाड़ी चला रहा हो तो उसे पूरा भरोसा होना चाहिए कि वह गाड़ी को सही ढंग से चला रहा है !तथा दुर्घटना के समय बिना किसी घबराहट के फैसला कर सके !

(03) दूरदर्शिता :- ड्राइवर को गाड़ी चलाते समय काफी होसियार होना चाहिये जिससे वह तमाम चीजों को आसानी से समझ सके ! और हालत के अनुसार ठीक कार्य कर सके !अचानक होने वाली घटनाओ को पहले ही ध्यान रखकर गाड़ी चलना चाहिए जैसे - 

(i) आगे जाने बाली गाड़ी का बिना सुचना के अचानक खड़ा होना !

(ii) गाड़ी या साइकल का बिना सूचना के आगे आ जाना या मुड़ जाना !

(iii) खड़ी गाड़ी का अचानक चल पड़ना !

(04) सड़क के नियम :- रोड इस्तेमाल करने वालों को सड़क के नियमों का ज्ञान होना चाहिए ! जिससे रोड के नियमो का पालन करते हुए सड़क दुर्घटना से बचा जा सके !

(05) सड़क की सभ्यता :- रोड पर वाहन चलते समय सड़क का इस्तेमाल करने बाले दूसरे के प्रति हमारा अच्छा व्यवहार होना चाहिए !

(06) छठी इन्द्री :-यह समझ सबमें होती है !कभी -कभी ऐसा प्रतीत होता है कि आगे आने बाले समय में कोई घटना होने वाली है ,और ऐसा भी हो जाता है !उसे छठी इंद्री कहते है !











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